बिग बॉस 19 का तीसरा एपिसोड एकदम धमाकेदार साबित हुआ। इस सीज़न की शुरुआत से ही राजनीति और सत्ता की खींचतान साफ झलक रही थी, लेकिन Episode 3 ने यह दिखा दिया कि यहां सिर्फ दोस्ती-दुश्मनी ही नहीं, बल्कि गुप्त चालें और छुपे पत्ते भी अहम भूमिका निभाएंगे।
फरहाना भट्ट का सीक्रेट मूव
प्रीमियर नाइट में ही एलिमिनेट हुई फरहाना दरअसल सीक्रेट रूम से पूरे घर पर नज़र रख रही थीं। Episode 3 में उन्होंने पहली बार अपनी पावर का इस्तेमाल करते हुए कैप्टेंसी टास्क में बशीर अली को बाहर कर दिया।

- बशीर को पूरा भरोसा था कि वह कैप्टन बनकर शो पर पकड़ मजबूत करेंगे।
- फरहाना के फैसले ने उनके सपनों पर पानी फेर दिया।
- घरवाले भी यह सोचकर हैरान रह गए कि फरहाना की चाल किस दिशा में जा रही है।
यह साफ है कि जब फरहाना घर में वापसी करेंगी, तो उनके पास ऐसे कई पत्ते होंगे जो पूरे खेल का रुख बदल सकते हैं।
नॉमिनेशन प्रोसेस: रिश्तों की परीक्षा
इस एपिसोड का दूसरा सबसे बड़ा ट्विस्ट था नॉमिनेशन राउंड।
नॉमिनेशन के नियम
- हर सदस्य को दो-दो नाम देने थे।
- साथ ही वजह भी बतानी थी।
नॉमिनेशन के नतीजे
- कुल सात सदस्य नॉमिनेट हुए।
- इनमें गौरव खन्ना और प्रणीत मोरे जैसे मजबूत नाम भी शामिल रहे।
- प्रक्रिया के दौरान कई रिश्तों पर सवाल उठे और गठजोड़ टूटने लगे।
तनाव और भावनाओं का आलम यह था कि तान्या मित्तल और अवेज की आंखों में आंसू आ गए। ये लम्हे बताते हैं कि शुरुआत में ही घर का दबाव कितना गहरा असर डाल रहा है।
तान्या मित्तल पर उठे सवाल
एपिसोड 3 में तान्या मित्तल एक बार फिर चर्चा का केंद्र बनीं।
- अश्नूर कौर और ज़ीशान क़ादरी ने उनकी लाइफ़स्टाइल पर निशाना साधा।
- अश्नूर ने सीधा सवाल किया—
“अगर आपको कोई खतरा नहीं है तो फिर आप बॉडीगार्ड्स क्यों रखती हैं?”
यह सवाल तान्या के लिए असहज कर देने वाला था और घर में उनके इमेज को लेकर नई बहस छेड़ गया।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
- कुछ लोग तान्या के समर्थन में सामने आए।
- वहीं कई यूज़र्स ने उनकी आलोचना भी शुरू कर दी।
ट्विस्ट, इमोशन और राजनीति का तड़का
Episode 3 खास इसलिए रहा क्योंकि इसमें हर मोड़ पर ट्विस्ट और इमोशन दोनों देखने को मिले।
- फरहाना की सीक्रेट चाल ने साफ कर दिया कि सीक्रेट रूम का खेल बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।
- नॉमिनेशन ने दिखा दिया कि कोई भी कंटेस्टेंट सुरक्षित नहीं है, चाहे वह कितना भी स्ट्रॉन्ग या पॉपुलर क्यों न हो।

आने वाले दिनों का अंदाज़ा
इस एपिसोड से एक चीज़ बिल्कुल साफ हो गई—
“घरवालों की सरकार” की राजनीति अब और भी तीखी होने वाली है।
- कैप्टेंसी की जंग
- नॉमिनेशन का दबाव
- और निजी ज़िंदगी पर उठते सवाल
ये सब आने वाले दिनों की बड़ी लड़ाइयों की नींव रख चुके हैं। फरहाना की वापसी जब होगी, तब घर का माहौल और भी विस्फोटक बनने वाला है।
Leave a Reply